नेटफ्लिक्स
पर स्ट्रीम हो रही हिंदी सीरीज ब्लैक वारंट १९८० के दशक में दिल्ली की तिहाड़ जेल
में नवनियुक्त तीन जैलरो में से एक सुनील गुप्ता द्वारा लिखित पुस्तक ब्लैक वारंट
: कॉन्फेशन ऑफ़ अ तिहाड़ जेलर पर आधारित है।
जैसा किताब के शीर्षक से स्पष्ट है,
सीरीज
तीन में से एक जेलर की आत्मकथा है।
इस
पुस्तक पर सीरीज बनाने का कारनामा अप्प्लॉज़ एंटरटेनमेंट द्वारा नेटफ्लिक्स के लिए
किया गया है। इस सीरीज को आरकेश अजय और सत्यांशु सिंह ने लिखा है। सीरीज की सात
कड़ियों के निर्देशन का भार विक्रमादित्य मोटवाने के साथ सत्यांशु सिंह, आरकेश
अजय, रोहिन रवींद्रन नायर और अम्बिका पंडित के कंधो पर दिखाया गया
है।
ब्लैक
वारंट, ७ कड़ियों तक सीमित होने के बावजूद,
७
कड़ियों तक फैली लगती है। वह इसलिए कि इस सीरीज को नितांत सपाट लिखा गया है। निर्देशित किया गया है। लिखा क्या गया है,
लगता
है छाप दिया गया है। कुछ भी कल्पनाशील नहीं। कोई रोमांच या एक्शन नहीं। हालाँकि,
फिल्म
में, उस समय अख़बारों की
सुर्ख़ियों में बने रहने वाले तीन कुख्यात गुटों त्यागी,
हड्डी
और सिख गुट के बीच आये दिन खुनी टकराव को दर्शाती है। किन्तु, पांच
पांच निर्देशक कोई रोमांच और एक्शन नहीं पैदा कर पाये।
फिल्म
में तिहाड़ में भ्रष्टाचार और जेल अधिकारीयों के संरक्षण को दर्शाया गया है। किन्तु, बेजान
तरीके से। तिहाड़ या देश की किसी जेल में
इससे अधिक भ्रष्टाचार और क्रूरता है। राशन
का गायब होना कोई मसला नहीं। क्योंकि, जेल का खाना खाना किसी
को अच्छा नहीं लगता। जो पैसा दे सकते है, वह
घर का खाना नियमित खा सकते है। मानवाधिकार
आयोग के कारण बंदियों के राशन में कोई कटौती नहीं की जा सकती है। भ्रष्टाचार के
दुसरे कई रास्ते है। जिन्हे या तो दिखाया
नहीं गया है या जेलर सुनील गुप्ता ने अपनी किताब में उल्लेख ही नहीं किया है।
अब
बात करते है सीरीज में अभिनय की। पूरी
सीरीज जेलर सुनील कुमार गुप्ता के चरित्र पर केंद्रित है। इस भूमिका को कपूर खानदान के पृथ्वीराज कपूर के
बेटे शशि कपूर के जेनिफर केंडल से बेटे कुणाल कपूर के शीना सिप्पी से बेटे जहान
कपूर ने किया है। जहान का अभिनय के
क्षेत्र में प्रवेश हंसल मेहता की प्रोपेगंडा फिल्म फ़राज़ से हुआ था। जहान फिल्म
फराज के फ़राज़ थे, किन्तु उनके बेजान अभिनय ने फिल्म को
कहीं का नहीं छोड़ा था। सीरीज ब्लैक वारंट में
भी वह कोई विकास करते नहीं दिखाई देते।
फिल्म में प्रभावशाली अभिनय करने वालो में, हरियाणवी जेलर विपिन दहिया की भूमिका में अनुराग ठाकुर प्रभावित करते है। उनके बाद, डीएसपी राजेश तोमर और युवा जेलर शिवराज सिंह मंगल की भूमिका में परमवीर सिंह चीमा ध्यान आकृष्ट करते है।
