Showing posts with label Film. Show all posts
Showing posts with label Film. Show all posts

Thursday, 23 January 2025

#ZEE5 पर #Mrs बनी #SanyaMalhotra



सान्या मल्होत्रा की बहुप्रतीक्षित फ़िल्म Mrs शीघ्र ही स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म Zee5 पर रिलीज़ होगी। इस फ़िल्म का निर्देशन कार्गो फ़ेम निर्देशक आरती कदव ने किया है और इसे हरमन बावेजा ने प्रोड्यूस किया है।

 

यह फ़िल्म महिला सशक्तिकरण, पहचान और रिश्तों की गहराई को उजागर करती है और एक सच्ची सिनेमाई अनुभव का वादा करती है। इस फ़िल्म में वरिष्ठ अभिनेता कंवलजीत सिंह, निशांत दहिया और सिया महाजन जैसे कलाकार भी शामिल हैं।

 

Mrs. को खास बनाने वाली बात है निर्देशक आरती कदव का अनूठा दृष्टिकोण। फ़िल्म की कहानी तैयार करते समय, उन्होंने विभिन्न पृष्ठभूमि की महिलाओं—गृहिणियों, कामकाजी महिलाओं, माताओं और युवतियों—से गहन बातचीत की। इन बातचीत से उन्हें आधुनिक महिलाओं की चुनौतियों, आकांक्षाओं और सफलताओं को समझने में मदद मिली, जिन्हें उन्होंने कहानी में बारीकी से पिरोया।

 

इस प्रक्रिया के बारे में बात करते हुए, आरती कदव ने कहा, "मेरे लिए कहानी कहने का मतलब हमेशा सच्चाई को पकड़ना रहा है—लोगों के बिना फिल्टर के अनुभवों को दिखाना। यह सिर्फ एक महिला की कहानी नहीं है; यह कई महिलाओं की हकीकत है।"

 

उन्होंने आगे कहा, "मैंने उन महिलाओं से बात की जो अपने सपनों और ज़िम्मेदारियों के बीच संतुलन बना रही थीं, पितृसत्तात्मक सोच का सामना कर रही थीं, और अपनी पहचान को फिर से परिभाषित कर रही थीं। उनकी कहानियों ने मुझे ऐसी कहानी लिखने के लिए प्रेरित किया जो दृढ़ता और व्यक्तित्व का जश्न मनाती है। सान्या मल्होत्रा ने इस कहानी को इतनी खूबसूरती और गहराई के साथ जीवंत किया है, और मुझे विश्वास है कि यह फ़िल्म हर दर्शक के दिल को छू जाएगी।"

Tuesday, 21 January 2025

@DisneyPlusHS पर #NazriyaNazim की फिल्म #Sookshmadarshini



डिज्नी प्लस हॉट स्टार पर आजकल, एक मलयालम फिल्म सूक्ष्मदर्शिनी  हिंदी भाषा में भी डब कर प्रदर्शित हो रही है।  इस फिल्म में मलयालम फिल्म अभिनेत्री नज़रिया नाज़िम ने शीर्षक भूमिका को परदे पर उतारा है।  इस में उनका साथ बेसिल जोसफ, अखिला भार्गवन, मेरिन फिलिप, आदि ने दिया है। फिल्म का निर्देशन एमसी जितिन ने किया है। यह उनकी दूसरी फिल्म  है।

 

 

 

सूक्ष्मदर्शिनी देखना ओटीटी के दर्शकों के लिए मनोरंजक हो सकता है।  पूरी फिल्म अभिनेत्री नजरिया नाज़िम के चरित्र प्रिया पर केंद्रित है।  प्रिया एक घरेलु महिला है।  जो अपनी पति और बेटी के साथ रह रही है। उसे अपने पड़ोस में रहने आये बेकरी के मालिक मानुएल की गतिविधियों पर संदेह होता है। इसलिए वह उस पर दृष्टि रखने लगती है।

 

 

 

प्रिया की इस प्रकार की आदत के लिए फिल्मकार ने उसे सूक्ष्मदर्शिनी बताया है, किन्तु  लोकप्रिय भाषा में उसे ताकझांक करने वाली महिला कहा जायेगा। कुछ भी हो, प्रिया की यह आदत उसे एक ह्त्या के षड़यंत्र का पर्दाफाश करने का अवसर देती है। इस काम में उसकी सहायता उसकी दो तीन सहेलियां भी देती है।

 

 

 

सूक्ष्मदर्शिनी को अतुल रामचंद्रन और लिबिन टीबी ने लिखा है। पटकथा में उनकी पकड़ दिखाई देती है।  वह हर घटना को इस प्रकार बुनते है कि जहाँ एक ओर दर्शक जब यह समझने लगता है कि प्रिया मैनुएल पर अनावश्यक संदेह कर रही है कि तभी अगली घटना ऎसी हो जाती है कि दर्शकों को फिर प्रिया पर भरोसा होने लगता है। यह कथा वर्णन फिल्म का रहस्य भी बनाये रखता है। दर्शक अंत देख कर चौंक उठता है।

 

 

 

इस फिल्म में कलाकारों का अभिनय देखने योग्य है । नजरिया ने अपनी भूमिका को सुन्दरता से किया है । वह दर्शकों को प्रभावित करती है । मैनुएल की भूमिका में अभिनेता बेसिल जोसफ अपने अभिनय से दर्शकों को चक्कर में डालते रहते है। अन्य भूमिकाओं में दीपक पराम्बोल, अखिला भार्गवान, मेरिन फिलिप, पूजा मोहनराज, आदि भी खूब फबे है।



 

मलयालम फिल्म सूक्ष्मदर्शिनी २२ नवंबर २०२४ को छविगृहों में प्रदर्शित हुई थी।  इस फिल्म की ओर हिंदी दर्शकों का ध्यान नहीं गया। इसके बाद भी, १४ करोड़ में बनाई गई इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ५५ करोड़ का ग्रॉस किया।  यह फिल्म हॉटस्टार पर भी तीसरे स्थान पर बनी हुई है।

Monday, 20 January 2025

#Malayalam #Pani : गैंगस्टर को भी डर लगता है !



भारत की, विशेष रूप से, बॉलीवुड की गैंगस्टर फिल्मों में, किसी एक या एकाधिक गैंगस्टर के टकराव का चित्रण करते हुए, उनका महिमा मंडन किया जाता है। गैंगस्टर किसी का भी दिनदहाड़े खून कर सकते है और पुलिस उनका कुछ नहीं कर पाती।  कहाँ के होते हैं यह गैंगस्टर और कहाँ की होती है यह पुलिस, कल्पना ही समझ लेना ठीक होगा। 

 




ऐसे में, २४ अक्टूबर २०२४ को प्रदर्शित एक मलयालम फिल्म पानि का प्रारम्भ दो लड़कों द्वारा खून किये जाने की घटना से होता।  इसके बाद, यह फिल्म एक ही परिवार के गैंगस्टर समूहों की और चले जाती है।  इसे देख कर दर्शक सोच सकता है कि  लो फिर एक गैंगस्टर फिल्म। अब वह दोनों लडके गैंगस्टर गिरी और  डेविस के साथ मिल कर त्रिशूर में खून खराबा करेंगे। लेकिन, ठहरिये दर्शकों के लिए इसके बाद साँस रोक कर फिल्म देखने के अतिरिक्त कोई चारा नहीं रहता। 

 




जोजू जॉर्ज द्वारा लिखा और निर्देशित किया गया है। इस फिल्म से मलयालम फिल्म अभिनेता जोजू जॉर्ज का निर्देशन के क्षेत्र में पहला कदम है।  लेखक के रूप में, जॉर्ज गैंगस्टर फिल्मों की लीक पीटते नहीं रहते।  वह इस फिल्म से स्थापित करते हैं कि शहर मे आतंक का पर्याय कोई गैंगस्टर भी आतंक का शिकार हो सकता है।  इसके लिए किसी लम्बे चौड़े गिरोह की आवश्यकता नहीं।  बेधड़क रक्त बहाने के लिए तैयार कोई भी व्यक्ति किसी भी गैंगस्टर को आतंकित कर सकता है।  पानि में यह व्यक्ति दो पहली बार खून खराबे की दुनिया में कूदे डॉन सेबेस्टियन और सीजू करते है।

 





खासियत है लेखक और निर्देशक की वह आतंक का  ऐसा माहौल रचते हैं कि ओटीटी के परदे के सामने  बैठा दर्शक आतंकित होता रहता है कि दोनों ऐसा कैसे कर सकते हैं।  गिरी, उसकी पत्नी गौरी और उनके सम्बन्धियों को डॉन और सीजू के हमले से विचलित होते देखना अलग अनुभव देता है। हालाँकि, अंत में वही होता है, जो एक हीरो कर सकते है।  गिरी उन दोनों को मार डालता है। किन्तु, अंत समय तक वह दोनो को डरा नहीं पाता।




इस फिल्म की जान इसके एक्टर है। फिल्म में गिरी की मुख्य भूमिका फिल्म के लेखक निर्देशक जोजू जॉर्ज ने स्वयं की है।  वह मलयालम फिल्मों के जानपहचाने अनुभवी अभिनेता है। वह फिल्म में अत्यधिक परिपक्व अभिनय करते है। उनके चेहरे पर क्रोध और विवशता के भाव उतरते चढ़ते रहते है। फिल्म में पत्नी गौरी की भूमिका में अभिनया आकर्षक भी है और अभिनय भी कर ले जाती है। फिल्म में गैंग्सटर की दुनिया के लिए नए अपराधी डॉन और सिजू की भूमिका क्रमशः सागर सूर्या और जुनेज़ वीपी ने की है। दोनों अपना आतंक पैदा करने में सफल रहते है।  फिल्म में बहुत से दूसरे कलाकार भी हैं, जो फिल्म के कथानक को तेज रफ़्तार से आगे बढ़ाने में सहयोग करते है। वेणु आईएससी और जिंटा जॉर्ज का कैमरा फिल्म का रहस्य और रोमांच बनाये रखने में सफल होता है।  तारीफ करनी होगी फिल्म का संपादन करने वाले मनु अंटोनी की कि वह फिल्म को ढीला होने से रोकते है।





एक विशेष बात। फिल्म की पृष्ठभूमि केरल है और अधिकतर पात्र ईसाई है।  किन्तु, फिल्म के लेखक और निर्देशक ने डॉन और सिजू का वध राम द्वारा रावण और कुम्भकर्ण के वध की शैली में किया है। फिल्म में, गिरी अपने भाई के हत्यारों और बलात्कारियों को ऊंचाई पर लटका कर रावण कुम्भकर्ण के पुतलों के दहन की तरह बम से उड़ा कर करता है।





ओटीटी के दर्शक मलयालम फिल्म पानि  को मलयालम के अतिरिक्त तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी में सोनी लिव पर देख सकते है। 


#Gunaah की राह पर चलता #Kankhajura

ओवर द टॉप अर्थात ओटीटी की त्रासदी बन गई है कि यह प्लेटफार्म या तो देशी विदेशी फिल्मों का सीरीज पर निर्भर हो गए है।   इनमे भी थ्रिलर , मर्डर ...