भारत
की,
विशेष
रूप से,
बॉलीवुड
की गैंगस्टर फिल्मों में, किसी एक या एकाधिक गैंगस्टर के टकराव का चित्रण करते हुए, उनका महिमा मंडन किया
जाता है। गैंगस्टर किसी का भी दिनदहाड़े खून कर सकते है और पुलिस उनका कुछ नहीं कर
पाती। कहाँ के होते हैं यह गैंगस्टर और
कहाँ की होती है यह पुलिस, कल्पना ही समझ लेना ठीक होगा।
ऐसे
में,
२४
अक्टूबर २०२४ को प्रदर्शित एक मलयालम फिल्म पानि का प्रारम्भ दो लड़कों द्वारा खून
किये जाने की घटना से होता। इसके बाद, यह फिल्म एक ही परिवार
के गैंगस्टर समूहों की और चले जाती है।
इसे देख कर दर्शक सोच सकता है कि
लो फिर एक गैंगस्टर फिल्म। अब वह दोनों लडके गैंगस्टर गिरी और डेविस के साथ मिल कर त्रिशूर में खून खराबा
करेंगे। लेकिन,
ठहरिये
दर्शकों के लिए इसके बाद साँस रोक कर फिल्म देखने के अतिरिक्त कोई चारा नहीं
रहता।
जोजू
जॉर्ज द्वारा लिखा और निर्देशित किया गया है। इस फिल्म से मलयालम फिल्म अभिनेता
जोजू जॉर्ज का निर्देशन के क्षेत्र में पहला कदम है। लेखक के रूप में, जॉर्ज गैंगस्टर फिल्मों की लीक पीटते
नहीं रहते। वह इस फिल्म से स्थापित करते
हैं कि शहर मे आतंक का पर्याय कोई गैंगस्टर भी आतंक का शिकार हो सकता है। इसके लिए किसी लम्बे चौड़े गिरोह की आवश्यकता
नहीं। बेधड़क रक्त बहाने के लिए तैयार कोई
भी व्यक्ति किसी भी गैंगस्टर को आतंकित कर सकता है। पानि में यह व्यक्ति दो पहली बार खून खराबे की
दुनिया में कूदे डॉन सेबेस्टियन और सीजू करते है।
खासियत
है लेखक और निर्देशक की वह आतंक का ऐसा
माहौल रचते हैं कि ओटीटी के परदे के सामने
बैठा दर्शक आतंकित होता रहता है कि दोनों ऐसा कैसे कर सकते हैं। गिरी, उसकी पत्नी गौरी और उनके सम्बन्धियों को
डॉन और सीजू के हमले से विचलित होते देखना अलग अनुभव देता है। हालाँकि, अंत में वही होता है, जो एक हीरो कर सकते
है। गिरी उन दोनों को मार डालता है।
किन्तु,
अंत
समय तक वह दोनो को डरा नहीं पाता।
इस
फिल्म की जान इसके एक्टर है। फिल्म में गिरी की मुख्य भूमिका फिल्म के लेखक
निर्देशक जोजू जॉर्ज ने स्वयं की है। वह
मलयालम फिल्मों के जानपहचाने अनुभवी अभिनेता है। वह फिल्म में अत्यधिक परिपक्व
अभिनय करते है। उनके चेहरे पर क्रोध और विवशता के भाव उतरते चढ़ते रहते है। फिल्म
में पत्नी गौरी की भूमिका में अभिनया आकर्षक भी है और अभिनय भी कर ले जाती है।
फिल्म में गैंग्सटर की दुनिया के लिए नए अपराधी डॉन और सिजू की भूमिका क्रमशः सागर
सूर्या और जुनेज़ वीपी ने की है। दोनों अपना आतंक पैदा करने में सफल रहते है। फिल्म में बहुत से दूसरे कलाकार भी हैं, जो फिल्म के कथानक को
तेज रफ़्तार से आगे बढ़ाने में सहयोग करते है। वेणु आईएससी और जिंटा जॉर्ज का कैमरा
फिल्म का रहस्य और रोमांच बनाये रखने में सफल होता है। तारीफ करनी होगी फिल्म का संपादन करने वाले मनु
अंटोनी की कि वह फिल्म को ढीला होने से रोकते है।
एक
विशेष बात। फिल्म की पृष्ठभूमि केरल है और अधिकतर पात्र ईसाई है। किन्तु, फिल्म के लेखक और निर्देशक ने डॉन और
सिजू का वध राम द्वारा रावण और कुम्भकर्ण के वध की शैली में किया है। फिल्म में, गिरी अपने भाई के
हत्यारों और बलात्कारियों को ऊंचाई पर लटका कर रावण कुम्भकर्ण के पुतलों के दहन की
तरह बम से उड़ा कर करता है।
ओटीटी के दर्शक मलयालम फिल्म पानि को मलयालम के अतिरिक्त तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी में सोनी लिव पर देख सकते है।
